जोशीमठ ही नहीं, मसूरी में भी बज चुकी है खतरे की घंटी, गंगटोक भी 7 इंच तक धंसा

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि हिमालय के पहाड़ सबसे नए हैं. इसलिए ये कच्‍चे हैं. इन पर ज्‍यादा दबाव …

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